
छठ पूजा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ भागों में बहुत श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। छठ पूजा में भक्त सूर्य देव को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। यह पर्व पवित्रता, संयम और भक्ति का अद्भुत उदाहरण है।
छठ पूजा का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है।
इसके अलावा, कहा जाता है कि राजा प्रियव्रत ने संतान की प्राप्ति के लिए छठी मैया की आराधना की थी, जिससे यह पर्व प्रचलित हुआ।
छठ पूजा का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से अत्यंत महत्व है।
छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पर्व है, जिसमें प्रत्येक दिन का विशेष महत्व है:
छठ पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इस दौरान गंगा घाट, तालाब और नदियाँ सुंदर फूलों और दीपों से सजाई जाती हैं।
भक्त पारंपरिक गीत गाते हैं जैसे –
🎶 “केलवा के पात पर उगले सूरज देव…”
यह पर्व महिलाओं की शक्ति, श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है।
सूर्य की उपासना से शरीर को विटामिन D प्राप्त होता है, जिससे हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
सूर्य की किरणें सुबह और शाम के समय सबसे अधिक लाभदायक होती हैं।
छठ पूजा के दौरान उपवास और शुद्ध आहार शरीर को डिटॉक्स करता है, जिससे स्वास्थ्य सुधरता है।
छठ पूजा आस्था, शुद्धता और कृतज्ञता का प्रतीक है। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में सूर्य की तरह उजाला फैलाना और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करना कितना आवश्यक है।
छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन के प्रति “धन्यवाद” की भावना का उत्सव है।
छठी मैया सबके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करें।
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