सावन के पहले सोमवार पर ब्लॉग (First Monday of Sawan)
सावन का पहला सोमवार: शिव भक्ति में लीन एक पावन आरंभ
सावन मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, और इसका पहला सोमवार शिव भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह दिन भगवान शिव की आराधना का आरंभिक और सबसे महत्वपूर्ण अवसर होता है। इस दिन को लेकर जनमानस में विशेष श्रद्धा और उत्साह देखने को मिलता है।
सावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव, भक्तों की प्रार्थना से शीघ्र प्रसन्न होते हैं। विशेषकर सोमवार का दिन तो शिवजी का दिन माना जाता है, और जब यह सावन के महीने में आता है, तो इसकी महिमा और भी बढ़ जाती है।
सावन के पहले सोमवार को भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं, मंदिर जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है। शिव मंत्रों का जाप करते हुए "ॐ नमः शिवाय" का उच्चारण किया जाता है। कई भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं और शाम को कथा सुनते हैं।
सावन सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से मनचाहा वर प्राप्त होता है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।
सावन का महीना हरियाली और वर्षा से परिपूर्ण होता है। ऐसा लगता है जैसे पूरी प्रकृति भी भगवान शिव की आराधना में शामिल हो जाती है। मंदिरों में विशेष सजावट होती है, जगह-जगह कांवड़ यात्रा निकलती है और वातावरण "बोल बम" के जयकारों से गूंज उठता है।
निष्कर्ष:
सावन का पहला सोमवार केवल एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि जीवन की कठिनाइयों को सहर्ष स्वीकार कर भगवान में अटूट विश्वास रखा जाए। आइए, इस सावन सोमवार को शिव भक्ति में लीन होकर अपने जीवन को और भी पावन बनाएं।
हर-हर महादेव! 🙏🕉️
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