Karwa Chauth 2023 करवा चौथ वाले दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग अनुसार यह पर्व कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में पड़ता है। इस साल करवा चौथ 1 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त - शाम 06:05 बजे से शाम 07:21 बजे तक
करवा चौथ व्रत का समय - सुबह 06:39 बजे से रात 08:59 बजे तक
चंद्रोदय का समय - रात्रि 08:59 बजे
भगवान चंद्रमा का पूजन मंत्र - ॐ सोमाय नमः
करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक कठोर उपवास रखती हैं। इस अवधि के दौरान वे न तो कुछ खाती हैं न पीती हैं। इसके बाद जब चंद्रोदय हो जाता है, तो वे भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा गणेश जी के साथ करती हैं।
इसके पश्चात चंद्र देव को अर्घ्य देती हैं, जिससे उनका व्रत संपूर्ण हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें, पूजा आमतौर किसी पुजारी या फिर घर के किसी बुजुर्ग व्यक्ति की मदद से की जाती है।
श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।
चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।
वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥
एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥
चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।
प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥ ३ ॥
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।
करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ ४ ॥
हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।
मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥ ५ ॥
ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा
अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ ६ ॥
सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥
यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥
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