भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है। आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया और इसके बाद से हर साल 14 सितंबर, 1949 को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हिंदी भाषा को स्कूल, कॉलेज, बैंक, कार्यालय आदि में मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है।
भारत की प्रमुख भाषा हिंदी है, जिसे सबसे ज्यादा बोला, पढ़ा और समझा जाता है। अन्य दिवस की तरह ही भारत के लोगों के लिए हिंदी दिवस भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस भारत में हिंदी का विकास करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। हर साल 14 सितंबर से 21 सितंबर तक हिंदी दिवस के अवसर पर राजभाषा सप्ताह या हिंदी सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह में कई प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिस दिन हिंदी हमारे देश के प्रमुख भाषा बन गई। हिंदी दिवस हर साल हमें हमारे असली पहचान को याद दिलाता है और देश के सभी लोगों को एकजुट करता है। हिंदी दिवस हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इस को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जो अंग्रेजी भाषा से प्रभावित है। हिंदी दिवस हमें देशभक्ति की भावना के लिए प्रेरित करता है। हिंदी दिवस का यह बहुत अधिक महत्व है कि यह हमें हमेशा यह याद दिलाता रहता है कि हिंदी हमारी प्रमुख भाषा है और यह बहुत अधिक महत्व रखती है। हिंदी भाषा पूरी दुनिया में सबसे पुरानी और सबसे प्राचीन, प्रभावशाली भाषाओं में से एक है और ऐसे में हमें अपनी मातृभाषा हिंदी बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए। हिंदी दिवस इतिहास और समाजिक- राजनीतिक महत्व को प्रदर्शित करता है।
स्कूल और कॉलेज भाषा के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए हिंदी दिवस मनाते हैं। हिंदी दिवस पर हर साल भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में एक समारोह में, भाषा के प्रति अपने योगदान के लिए लोगों को राजभाषा पुरस्कार प्रदान करते हैं ।
हमारा देश कई विधाओं का मिश्रण है। उनमें कई भाषाओं का समावेश है। आज हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत देश के इन सभी भाषाओं में हिंदी को देश की मातृभाषा का दर्जा दिया गया है। हिंदी भाषा को सम्मान देने के लिए हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस और हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी भाषा को 14 सितंबर, 1949 के दिन आजादी के बाद देश की मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ था। उसी दिन को याद करने में 1953 में निर्णय लिया गया, जिसके फलस्वरूप हर साल 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। विश्व स्तर पर इस खास दिन को मनाया जाता है। सबसे पहले 10 जनवरी, 1975 को नागपुर महाराष्ट्र में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। उसके बाद 10 जनवरी, 2006 को पूरे देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने का ऐलान किया गया था।
हमें अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी का सम्मान करना चाहिए।
हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन होता है।
हमें हिंदी भाषा का मूल्य समझना चाहिए क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और हमारी संस्कृति को याद करने का दिन है।
हमें सभी लोगों को हिंदी बोलने की तरफ आकर्षित करना चाहिए।
हमें मातृभाषा की रक्षा और विकास करना चाहिए।
स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है। जिसमें देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं, जिन्होंने हिंदी भाषा से संबंधित किसी भी क्षेत्र में उतकृष्टा प्राप्त की हो। स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी वाद-विवाद, कविता, कहानी, निबंध आदि बोले की प्रतियोगिताएं भी रखी जाती है। हिंदी शिक्षक हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी देते हैं। यह दिन हर साल में असली पहचान की याद दिलाता है। हिंदी दिवस को कई सरकारी स्थानों पर भी मनाया जाता है। हिंदी दिवस पर महिलाएं सूट और साड़ियां पहनती है और पुरुष कुर्ता पजामा पहनते हैं ।
हिंदी दिवस के दिन संस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और लोग भी उनमें बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इस दिन बहुत से लोग हिंदी कविता भी पढ़ते हैं और हिंदी के महत्व के बारे में भी समझाते हैं।
हिंदी भाषा दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। भारत में ज्यादातर जनसंख्या हिंदी बोलने वाली है। अन्य देश जहां पर व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है, यह देश हैं- पाकिस्तान, नेपाल, मॉरीशस आदि। पूरी दुनिया भर में लोग हिंदी गीत बहुत पसंद करते हैं। जो स्पष्ट रूप से हिंदी भाषा के प्रति प्रेम को परिभाषित करते हैं।
हिंदी दिवस को मनाना आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। आज के समय में लोग सिर्फ अंग्रेजी पर ही ध्यान देते हैं। लोगों के बीच सिर्फ उन्हीं लोगों को पढ़ा लिखा माना जाता है, जो लोग अंग्रेजी बोल पाते हैं, लिख पाते हैं। किसी भी भाषा के साथ उसकी संस्कृति जुड़ी होती है। हमारे भारत की संस्कृति का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। जो भी भारतीय संस्कृति इतिहास को पूर्ण रूप से नहीं अपनाता है, वह भी पूर्ण रूप से भारतीय नहीं होता है।
हिंदी में ऐसी बहुत सी रचनाएं हुई है जिन्हें पढ़कर और उन पर अमल करके व्यक्ति के जीवन को बदला जा सकता है। इस तरह की रचनाओं को पढ़ने और समझने के लिए हिंदी को सीखना बहुत जरूरी होता है। अगर किसी व्यक्ति को ही अच्छी तरह से आती है तो किसी भी स्थान पर हिंदी का अच्छी तरह से प्रयोग कर सकता है। हिंदी भाषा से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सकता है ।
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